लिखना चाहते हो तो बया करो सब सुनेगे आज ,
कहना चाहते हो तो कहो सब सुनेगे आज ,
कल तुम्हारी बात कही फीकी न पड़ जाए,
सुना दो जो सुनना चाहते हो आज...........
तुम्हे डर हें की कही गम न आ जाए ,
तो भूल जाओ की गम क्या हें,
तुम्हे डर हें की कही किसी का नाम न आ जाए,
तोसोच लो गुमनामी से अच्छा हें ये नाम तुम्हारे लबो पर आ जाए ,
न सोचो न रुको अब बह जाने दो जो दिल की नदिया बहती हें आज...........
'दिल'