Wednesday, February 20, 2008


लिखना चाहते हो तो बया करो सब सुनेगे आज ,

कहना चाहते हो तो कहो सब सुनेगे आज ,

कल तुम्हारी बात कही फीकी न पड़ जाए,

सुना दो जो सुनना चाहते हो आज...........

तुम्हे डर हें की कही गम न आ जाए ,

तो भूल जाओ की गम क्या हें,

तुम्हे डर हें की कही किसी का नाम न जाए,

तोसोच लो गुमनामी से अच्छा हें ये नाम तुम्हारे लबो पर आ जाए ,

न सोचो न रुको अब बह जाने दो जो दिल की नदिया बहती हें आज...........

'दिल'

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